आजादी के अमृत महोत्सव पर


हिंदी विकास संस्थान, दिल्ली द्वारा दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह-2023
स्थानः तीन मूर्ति भवन सभागार, नई दिल्ली








हिंदी विकास संस्थान, दिल्ली द्वारा

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 का आयोजन

भारत सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के कौशल विकास पर बल दिया गया है। हिंदी विकास संस्थान द्वारा भी भाषा कौशल के विकास हेतु समय-समय पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उसी क्रम में हिंदी विकास संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 प्रतियोगिता का आयोजन पूरे उत्साह के साथ किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 के उद्देश्य बिंदु


• बच्चों के अंदर प्रतियोगिताओं में भाग लेने की भावनाओं को जगाना।
• बच्चों को सरल तरीके से हिंदी भाषा-संबंधी ज्ञान कराना।
• प्रत्येक कक्षा हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के मुख्य बिंदुओं को इस प्रतियोगिता के पाठ्यक्रम से जोड़ते हुए बच्चों को परीक्षाओं हेतु तैयार करना।
• मानक वर्तनी का ज्ञान कराना एवं समाज में प्रचलित अशुद्ध शब्दों से परिचित कराते हुए उन्हें शुद्ध रूप में प्रस्तुत करना।
• हिंदी भाषा एवं दैनिक जीवन से जुड़ी बातों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करते हुए जीवन मूल्यों की सीख देना।

उपर्युक्त उद्देश्य बिंदुओं की पूर्ति एवं अभ्यास हेतु हिंदी विकास संस्थान की ओर से प्रत्येक प्रतिभागी को ई-अभ्यास-पुस्तिका निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। हमें विश्वास है कि इस प्रतियोगिता में भाग लेकर सभी प्रतिभागी गर्व का अनुभव करेंगे।



अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 पुरस्कार एवं सम्मान


• अंतर्राष्ट्रीय हिदी ओलंपियाड-2024 में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों को प्रशस्ति-पत्र तथा अपनी कक्षा में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पदक एवं प्रशस्ति-पत्र, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर पदक, ट्रॉफी एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएँगे।
• जो प्रतियोगी अपनी-अपनी कक्षा में राष्ट्रीय श्रेणी में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करेंगे, उन्हें ट्रॉफी,पदक एवं प्रशस्ति-पत्र के साथ-साथ 5100/- रुपये पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाएँगे।
• दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 7500/- रुपये होगी। इतना ही नहीं, प्रतियोगियों की संख्या और प्राप्त पदकों के आधार पर श्रेष्ठ विद्यालयों एवं शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा।
• एक से अधिक प्रतिभागियों के समान अंक आने पर सभी प्रतियोगियों को पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। पुरस्कार की धनराशि बराबर-बराबर बाँट दी जाएगी।
• कक्षा-1 तथा कक्षा-2 के प्रतिभागियों के लिए विद्यालय स्तर पर ही पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति-पत्र के साथ-साथ स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक प्रदान किए जाएँगे।
• पुरस्कार एवं सम्मान समारोह का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा। समारोह की सूचना पहले से ही विद्यालयों को दे दी जाएगी।



अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024, प्रविष्टि-सूची




हिंदी विकास संस्थान, दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 हेतु - परीक्षा शुल्क


• इस प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागी को ₹ 200 परीक्षा शुल्क के रूप में देने होंगे, जिसमें ₹ 30 परीक्षा व्यवस्था कराने हेतु विद्यालय अपने पास रखेंगे।
• भारत से बाहर के प्रत्येक प्रतिभागी को $ 12 (USD) शुल्क देना होगा , जिसमें $ 2 (USD) परीक्षा व्यवस्था एवं अन्य व्यय हेतु विद्यालय अपने पास रखेंगे।


अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड-2024 से संबंधित मुख्य बिंदु एवं ओ.एम.आर. शीट का प्रारूप




विवरण-पत्रक




अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड 2024’ हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम




प्रश्न पत्र का प्रारूप - कक्षा 1 तथा 2 के लिए




प्रश्न पत्र का प्रारूप - कक्षा 3 से 12 तक के लिए




हिंदी विकास संस्थान के बढ़ते आयाम


मुख्य बिंदु

कक्षा पहली से बारहवीं तक के छात्रों हेतु हिंदी ओलंपियाड का आयोजन एवं पुरस्कार।
हिंदी शिक्षकों के लिए हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन एवं पुरस्कार।
10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों हेतु पाठ्यक्रम से जुड़ी समस्याओं पर हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन।
हिंदी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों एवं विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान।



मीडिया की नजर में


हिदी विकास संस्थान

विचार

महात्मा गाँधी

राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है।

भारतेंदु हरिश्चंद्र

निज भाषा उन्नत अहै, सब उन्नति को मूल।
बिना निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय का सूल।।

हिदी विकास संस्थान

हिंदी ही वतन है, हिंदी है अपनी शान।
हिंदी से ही होगी, हिंदुस्तान की पहचान।।

फ़ादर कामिल बुल्के

जब मैं भारत पहुँचा तो, मुझे यह देखकर दुख और आश्चर्य हुआ कि शिक्षित लोग भी अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं से अनजान थे। वे अंग्रेज़ी बोलना गर्व की बात समझते थे। तब मैंने निश्चय किया कि मैं भारत की देशज भाषा की महत्ता को सिद्ध करूँगा।

महादेवी वर्मा

किसी विदेशी भाषा को अंगीकार करना हमारे लिए गर्व की बात है, किंतु अपनी भाषा की उपेक्षा करके किसी विदेशी भाषा को स्वीकार करना हमारे लिए बड़े शर्म की बात है।